'सुहागरात' शब्द सामने आते ही युवक-युवतियों के दिलोदिमाग में तरह-तरह की कल्पनाएं उड़ान भरने लगती हैं. किशोरावस्था पार करते न करते, हर मन में इससे जुड़े खयाल आने लगते हैं. इस सोच में कुछ भी गलत नहीं है. गलतियों की शुरुआत तब होती है, जब सुहागरात के मौके पर ही कुछ लोग ऐसा कर गुजरते हैं, जिससे उन्हें हसीन लम्हों में आनंद से वंचित होना पड़ जाता है.
आगे ऐसी 10 गलतियों की चर्चा की गई है, जिससे दूर रहकर सुहागरात और आगे के दांपत्य जीवन में रस घोला जा सकता है.
1. बिना पार्टनर की सहमति के सेक्स न करें
अधिकतर मामलों में लोग सुहागरात को सेक्स करना चाहते हैं, पर ऐसा जरूरी नहीं है कि उसी रात सेक्स संबंध कायम किया जाए. जब दोनों ही इसके लिए राजी हों, तभी वैसा करें. अगर दोनों में से कोई भी किसी वजह से सेक्स करने के लिए तैयार न हो, तो इसके लिए जोर-जबरदस्ती कतई न करें.
अधिकतर मामलों में लोग सुहागरात को सेक्स करना चाहते हैं, पर ऐसा जरूरी नहीं है कि उसी रात सेक्स संबंध कायम किया जाए. जब दोनों ही इसके लिए राजी हों, तभी वैसा करें. अगर दोनों में से कोई भी किसी वजह से सेक्स करने के लिए तैयार न हो, तो इसके लिए जोर-जबरदस्ती कतई न करें.
2. यौन संबंध बनाने में हड़बड़ी न दिखाएं
आम तौर पर सुहागरात से पहले युवक-युवतियों को एक-दूसरे के शरीर की ठीक तरह से जानकारी नहीं होती है. जब वे पहली बार खुला जिस्म देखते हैं, तो संयम खोकर इस काम में हड़बड़ी करने लगते हैं. इस वजह से वे उस सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसकी उन्हें दरकार होती है. बिना फोरप्ले किए कोई भी लड़की यौन क्रीड़ा के लिए जिस्मानी तौर पर तैयार नहीं होती है.
आम तौर पर सुहागरात से पहले युवक-युवतियों को एक-दूसरे के शरीर की ठीक तरह से जानकारी नहीं होती है. जब वे पहली बार खुला जिस्म देखते हैं, तो संयम खोकर इस काम में हड़बड़ी करने लगते हैं. इस वजह से वे उस सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसकी उन्हें दरकार होती है. बिना फोरप्ले किए कोई भी लड़की यौन क्रीड़ा के लिए जिस्मानी तौर पर तैयार नहीं होती है.
3. रक्तस्राव की आशंका से घबराएं नहीं
सुहागरात चाहे किसी महिला के लिए सेक्सुअल रिलेशन का पहला ही अनुभव क्यों न हो, रक्तस्राव कतई जरूरी नहीं है. आम तौर पर Hymen (एक तरह की झिल्ली) किसी अन्य शारीरिक काम के दौरान पहले ही नष्ट हो गई होती है, इसलिए रक्तस्राव की आशंका से डरना गलत है.
सुहागरात चाहे किसी महिला के लिए सेक्सुअल रिलेशन का पहला ही अनुभव क्यों न हो, रक्तस्राव कतई जरूरी नहीं है. आम तौर पर Hymen (एक तरह की झिल्ली) किसी अन्य शारीरिक काम के दौरान पहले ही नष्ट हो गई होती है, इसलिए रक्तस्राव की आशंका से डरना गलत है.
4. अपने जीवनसाथी पर शक न करें
कई बार लोग सुहागरात को अपने जीवनसाथी को शक भरी निगाहों से देखते हैं. इससे उन हसीन लम्हों का मजा तो किरकिरा होता ही है, रिश्ते की बुनियाद भी कमजोर पड़ जाती है. बेहतर यह होता है कि दोनों एक-दूसरे के अतीत की बातें न कुरेदकर, जो जीवन सामने है, उसे सजाने-संवारने की कोशिश करें.
कई बार लोग सुहागरात को अपने जीवनसाथी को शक भरी निगाहों से देखते हैं. इससे उन हसीन लम्हों का मजा तो किरकिरा होता ही है, रिश्ते की बुनियाद भी कमजोर पड़ जाती है. बेहतर यह होता है कि दोनों एक-दूसरे के अतीत की बातें न कुरेदकर, जो जीवन सामने है, उसे सजाने-संवारने की कोशिश करें.
5. आकार से सेक्सुअल पावर का अंदाजा न लगाएं
यह सोचना सरासर है कि पुरुष के लिंग के आकार से सेक्सुअल पावर का पता लगाया जा सकता है. कामक्रीड़ा का आनंद जोड़ों के खुशनुमा मानसिक नजरिए और जिंदादिली पर निर्भर है. आकार न के बराबर असर डालता है. सेक्सुअल पावर लिंग के आकार पर निर्भर नहीं करता है. सुहागरात पर इस तरह का कोई तनाव न पालें.
यह सोचना सरासर है कि पुरुष के लिंग के आकार से सेक्सुअल पावर का पता लगाया जा सकता है. कामक्रीड़ा का आनंद जोड़ों के खुशनुमा मानसिक नजरिए और जिंदादिली पर निर्भर है. आकार न के बराबर असर डालता है. सेक्सुअल पावर लिंग के आकार पर निर्भर नहीं करता है. सुहागरात पर इस तरह का कोई तनाव न पालें.
6. शराब आदि का सेवन न करें
कुछ युवकों की सोच होती है कि अगर वे सुहागरात को शराब आदि का सेवन कर लेंगे, तो उनके भीतर जोश पैदा हो जाएगा. यह सोच गलत है. जोश के लिए सही मानसिक नजरिया ही काफी होता है. शराब की गंध और बहके हुए व्यवहार से जीवनसाथी को तकलीफ उठानी पड़ सकती है.
कुछ युवकों की सोच होती है कि अगर वे सुहागरात को शराब आदि का सेवन कर लेंगे, तो उनके भीतर जोश पैदा हो जाएगा. यह सोच गलत है. जोश के लिए सही मानसिक नजरिया ही काफी होता है. शराब की गंध और बहके हुए व्यवहार से जीवनसाथी को तकलीफ उठानी पड़ सकती है.
7. कंडोम के इस्तेमाल पर बात कर लें
बेहतर होगा कि दोनों बातचीत करके यह पहले ही तय कर लें कि सेक्स के वक्त कंडोम का इस्तेमाल करना है नहीं. अगर बच्चे पैदा करने की फिलहाल कोई योजना न हो, कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें.
बेहतर होगा कि दोनों बातचीत करके यह पहले ही तय कर लें कि सेक्स के वक्त कंडोम का इस्तेमाल करना है नहीं. अगर बच्चे पैदा करने की फिलहाल कोई योजना न हो, कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें.
8. पीरियड्स की डेट न भूलें
पीरियड्स की डेट भूलने पर लड़कियों को शादी और सुहागरात के दौरान तकलीफ उठानी पड़ सकती है. साथ ही जो लड़के सुहागरात पर संबंध कायम करने को आतुर रहते हैं, उन्हें निराश होना पड़ सकता है. इसका उपाय यह है कि डेट मैच करने पर पहले से ही डॉक्टर की सलाह से वैसी गोलियां ले लें, जिनसे डेट को कुछ दिन आगे बढ़ाना मुमकिन है.
पीरियड्स की डेट भूलने पर लड़कियों को शादी और सुहागरात के दौरान तकलीफ उठानी पड़ सकती है. साथ ही जो लड़के सुहागरात पर संबंध कायम करने को आतुर रहते हैं, उन्हें निराश होना पड़ सकता है. इसका उपाय यह है कि डेट मैच करने पर पहले से ही डॉक्टर की सलाह से वैसी गोलियां ले लें, जिनसे डेट को कुछ दिन आगे बढ़ाना मुमकिन है.
9. शरीर की साफ-सफाई को नजरअंदाज न करें
पहले-पहल सेक्स के दौरान शरीर की ठीक तरीके से साफ-सफाई का खयाल जरूर रखें. शारीरिक आकर्षण के लिए डियो आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. पहली बार कोई ऐसी कोर-कसर न छोड़े, जिससे शरीर के प्रति पार्टनर के मन में किसी तरह की अरुचि पैदा हो.
पहले-पहल सेक्स के दौरान शरीर की ठीक तरीके से साफ-सफाई का खयाल जरूर रखें. शारीरिक आकर्षण के लिए डियो आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. पहली बार कोई ऐसी कोर-कसर न छोड़े, जिससे शरीर के प्रति पार्टनर के मन में किसी तरह की अरुचि पैदा हो.
10. यह केवल दो जिस्मों का मिलन भर नहीं है
सुहागरात को केवल दो जिस्मों का मिलन मानना भारी भूल होगी. यह वो सुनहरा अवसर होता है, जब एक-दूसरे से भावनात्मक तौर पर अच्छी तरह जुड़ा जा सकता है. इस मौके पर व्यवहार में सौम्यता बरतकर पार्टनर के दिल पर गहरी छाप छोड़ी जा सकती है.
सुहागरात को केवल दो जिस्मों का मिलन मानना भारी भूल होगी. यह वो सुनहरा अवसर होता है, जब एक-दूसरे से भावनात्मक तौर पर अच्छी तरह जुड़ा जा सकता है. इस मौके पर व्यवहार में सौम्यता बरतकर पार्टनर के दिल पर गहरी छाप छोड़ी जा सकती है.